Priyanka06

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लेखनी कहानी प्रतियोगिता -24-Nov-2022 अंधेरे में दिखाई दी रोशनी की किरण

विषय-अंधेरी में आती है रोशनी की किरण


यह कहानी एक सीमा नाम की लड़की की थी जिसका बलात्कार हुआ था उसकी कहानी किताबों में ही समेट कर रह गई थी उसने जीना छोड़ दिया था । चारदीवारी ही उसका संसार था। चलो हम अब आगे बढ़ते हैं-
एक बार सीमा कॉलेज जा रही थी तब उसकी उम्र 16 वर्ष की थी शाम की समय लौटते समय लेट हो गई थी। तभी एक लड़का आया और उसे परेशान करने लगा। यह रोज-रोज होने लगा। एक दिन सीमा का अपरहण करके उसके साथ जोर जबस्ती किया। जिसके कारण सीमा ने बाहर निकलना बंद कर दिया।
सीमा कमरे के अंदर ही रहती थी किसी भी इंसान को देख कर डर जाती थी और उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया था। सीमा गुमसुम सी रहने लगी जैसे अंधेरा उसका साथी बन गया हो।
मां बाप ने खूब पूछा लेकिन सीमा सहमी ही रहती थी इस तरह से सीमा की जिंदगी में रोशनी का कोई भी नामोनिशान नहीं था।
इस बात को 5 साल हो गए थे। अचानक उनके घर एक फरिश्ता आता है। उस फरिश्ते का नाम अनुराग था। अनुराग कॉलेज का स्टूडेंट था उसे रहने के लिए किराए पर कमरा चाहिए था। सीमा के माता-पिता ने उसे किराए पर गेस्ट हाउस दे दिया।
*कुछ दिनों के बाद*
अनुराग सीमा के माता-पिता के साथ खाना खा रहा था तभी उन्होंने उनसे पूछा तुम्हारे कोई बच्चे नहीं है दादा दादी। तभी दादी रोने लगती है और सीमा की बातें करने लगती है। यह सुनकर अनुराग का मन द्रवित हो जाता है और दादी से पूछता है मैं उससे मिल सकता हूं।

दादी सीमा का रूम दिखाती है जैसे ही अनुराग सीमा के रूम में जाता है तो सीमा गुस्सा करने लगती है और सभी सामान उसके ऊपर फेकने लगती है सीमा का यह गुस्सा देखकर अनुराग बाहर आ जाता है।
फिर अनुराग उसे बच्चों की तरह खुश करने की कोशिश करता था जब भी मैं जाता कभी चॉकलेट कभी खिलौने उसकी पसंद की वस्तु लेकर जाता था जिससे सीमा अपनी स्थिति से बाहर आने लगी।
1 दिन अनुराग सीमा को बाहर ले गया वहां जाकर सीमा बहुत जोर जोर से रोई ऐसा लगा जैसे उसके अंदर जो डर था वह उमड़ कर बाहर आ रहा हो और खूब चिल्लाने लगी। फिर अनुराग को गले लगा कर सभी बात बताने लगी ऐसा लगा जैसे सीमा को अंधेरे में  रोशनी दिखाई देती हो।
इस तरह उस दिन के बाद सीमा और अनुराग दोस्त बन जाते हैं। एक नई उम्मीद सीमा में जन्म लेती है। सीमा पहले जैसी थी वैसी हो जाती है। इस तरह वह फरिश्ता सीमा की जिंदगी में अंधेरे में रोशनी बनकर आया और उसे जीना सिखा गया।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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2 Comments

Gunjan Kamal

25-Nov-2022 10:22 AM

बहुत खूब 👏👌🙏🏻

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Manzar Ansari

24-Nov-2022 11:02 PM

Nice 👍🏼

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